एक वकील का कार्य होता है, लोगों को लीगल एडवाइज देना और लोगों की बात को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना। इस आर्टिकल में हम आपको Advocate kaise bane वकील कैसे बने की पूरी जानकारी देंगे । आमतौर पर अधिकांश लोगों के पास अपनी बात को प्रभावी तरीके से कहने की क्षमता, कानूनी ज्ञान, वाक् कौशल, और भाषा-शक्ति नहीं होती, ऐसे में एक वकील आपकी दलीलें अदालत में प्रस्तुत करता है।
वकील कौन बन सकता है, Advocate kaise bane
कोई भी विद्यार्थी जिसने अपने 12 वीं पूरी कर ली है वो वकालत की पढ़ाई को शुरू कर सकता है, वकालत की पढ़ाई को हम एलएलबी कोर्स कहते है । इस कोर्स में उत्तीर्ण होने के बाद आप एक वकील बन सकते है और अनुभवी वकीलों के साथ ट्रेनिंग ले सकते है जो कि बेहद जरूरी है । वैसे इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपकी सोच दुसरो से थोड़ी बहुत अलग होनी चाहिए, निर्णय लेने की क्षमता, किसी भी मुद्दे पर बात करना, इसके साथ भाषा पर पकड़ और टीम भावना, तर्क वितर्क करना, जैसी चीजे आपके अंदर मौजूद होनी चाहिए, तभी आप इस क्षेत्र में सफल हो पाएंगे ।
वकील का काम क्या होता है, Advocate banne ke liye kya karna hota hai
एक वकील अपने क्लाइंट को कायदे कानून के अनुसार रास्ता दिखाते हैं, कानूनी पेपर तैयार करने से लेकर कोर्ट में अपने क्लाइंट के लिए बहस करते है। वकील को भारत के संविधान के अनुसार ही चलना होता है और संविधान में बताए गए नियमो के अनुसार ही अपने क्लाइंट को न्याय दिलाना होता है। इसमें आप सिविल लॉ, कॉमन लॉ, इनकम टैक्स लॉ, कोंस्टीटूशनल लॉ, क्रिमिनल लॉ, एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ , फैमिली लॉ इत्यादि स्पेशलाइजेशन में से एक चुन सकते हैं।
Advocate kaise bane, वकील बनने के आवश्यक स्किल
एक सक्षम लॉयर बनने के लिए, विद्यार्थी को कड़ी मेहनत और डेडिकेशन की आवश्यकता होती है। क्योंकि एक वकील का काम देश के कानूनी ढांचे और और लोगों का इन्साफ दिलाना है।
कैंडिडेट को डिसिप्लिन , रिस्पांसिबिलिटी की भावना और आत्मविश्वास के अलावा प्रशिक्षण और अपने हित के क्षेत्र के बारे में ज्ञान होना चाहिए।
नौकरी के लिए सहनशक्ति, कड़ी मेहनत, मन की सतर्कता, मानव व्यवहार और मनोविज्ञान का ज्ञान और समाज के प्रति सभी ईमानदार लोगों की आवश्यकता होती है।
वकील कितने प्रकार के होते हैं
- सरकारी वकील
- प्राइवेट वकील
- जूनियर वकील
- सीनियर वकील
- वरिष्ठ वकील
- फैमिली वकील
- लोअर, जिला एवं हाई कोर्ट का वकील
- सुप्रीम कोर्ट का वकील
Advocate kaise bane, वकील बनने या लॉ करने के लिए योग्यता
लॉ के पंचवर्षीय कोर्स के लिए आपको 12th पास होना अनिवार्य है। 12 वीं के बाद क्लैट परीक्षा होती है इसको पास करने के बाद ही आपको प्रवेश मिलता है। इस परीक्षा के लिए 12 वीं में 50 फीसदी अंकों के साथ पास होना अनिवार्य होता है।
5 साल की बैचलर डिग्री के लिए छात्रों के पास बारहवीं कक्षा में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड में (किसी भी स्ट्रीम) में कम से कम 45% अंक प्राप्त होने चाहिए।
अगर छात्र एलएलबी की तीन साल का पढाई करना चाहते हैं तो उनके पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी आवश्यक है।
लॉ प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए CLAT, लॉ नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (LNAT) जैसे एग्जाम को पास करने की आवश्यकता होती है।
विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करना होता है।
वकालत कोर्स
वकील बनने के लिए किये जाने वाले कोर्सेज की जानकारी नीचे दी गई हैं:
- Bachelor of Laws (LL.B.) – 3 साल
- Integrated undergraduate degrees – B.A. LL.B., B.Sc. LL.B., BBA LLB, B.Com LL.B – 5 साल
- Master of Laws (LL.M.) – 1-2 साल
- Master of Business Law
- Doctor of Philosophy (PhD)
- Integrated MBL-LLM/ MBA-LLM – 3 साल
लॉ के अंतर्गत स्पेशलाइजेशन
- क्रिमिनल लॉ
- कॉरपोरेट लॉ
- पेटेंट अटॉर्नी
- साइबर लॉ
- फैमिली लॉ
- बैंकिंग लॉ
- टैक्स लॉ
वकील बनने के लिए प्रवेश परीक्षा
वकील बनने के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाएं नीचे दी गई है:
- NLSIU – Bangalore
- Nalsar – Hyderabad
- WBNUJs – Kolkata
- NLU – Jodhpur
- HNLU – Raipur
- GNLU – Gandhinagar
- RMLNLU – Lucknow
- RGnUl – Patiala
- CNLU – Patna
- NLUO – Cuttack
- NLUJAA – Guwahati
- DSNLU – Visakhapatnam
- TNNLS – Tiruchirappalli
- MNLU – Mumbai
High court me Advocate kaise bane, हाई कोर्ट में वकील कैसे बने
LLB करने के बाद आपको स्टेट बार काउंसिल से लाइसेंस लेना होता है, बिना लाइंसेंस के आप किसी भी क्लाइंट का मुकद्दमा नही लड़ सकते है। लाइसेंस लेने के बाद आपको कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए लोअर कोर्ट में वकालत करने के बाद ही आप हाई कोर्ट में वकालत कर सकते है। वही अगर आप चाहते है सीधा हाई कोर्ट में वकालत करना तो आप सीधा हाई कोर्ट के किसी वकील के साथ रहकर इनट्रंशिप कर सकते है।
वकील बनने के फायदे
वकील बनने के बाद आप कोर्ट रूम में आप अपने क्लाइंट के लिए उसका पक्ष रखने के साथ न्याय के लिए क़ानूनी तौर पर लड़ते है । वहीं आप आम समाज में भी अधिकारों व नियमो की जानकारी होने से अपने व दुसरो के साथ कानूनन गलत होने पर अपनी आवाज उठा पाते हैं अर्थात अपने अधिकारों की रक्षा करते हैं जिससे आपका समाज मान सम्मान बढ़ता है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
सर्वप्रथम अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा करें।
यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड मिलेगा ।
फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिससे आप वकालत करना चाहते हैं।
अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ अपना आवेदन फॉर्म भरें।
इसके बाद अपना आवेदन फॉर्म जमा करें और जो आवेदन शुल्क निर्धारित है उसका भुगतान करें।
यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाता है और लिस्ट जारी की जाती है ।
आवश्यक दस्तावेज
आधिकारिक शैक्षणिक टेप
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण