गेहू का बिज़नेस कैसे शुरू करे? Gehu Ka Business Kaise Shuru Kare

गेहूं  इंसान के जीवन कीं रोजमर्रा की जरूरत का अनाज है। ये सारा सामान मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल है। भारत में कोई भी इस अनाज के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसलिये गेंहू का बिजनेस हमेशा चलने वाला व्यवसायों में से आता है।

गेहू का बिज़नेस कैसे शुरू करे? Gehu Ka Business Kaise Shuru Kare

स्टेप 1: अपने आप को आंके

सबसे पहले आप इस व्यवसाय की बारीकियों से वाकिफ हों। इसके लिए कहां से माल खरीदा जाता है और कहां बेचा जाता है। इस खरीदने और बेचने के बीच में किस तरह की मुश्किलें आतीं हैं, किस तरह के कानूनों का सामना करना होता है, कितनी भागदौड़ करनी होती है, कौन से क्षेत्र में गेंहू की कितनी खपत है, इन सबकी जानकारी लेना बहुत जरूरी है। इसके बाद ही आप इस व्यवसाय की ओर कदम बढ़ायें। आप गेंहू का होलसेल बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं, इसका मतलब हुआ कि आप अपनी बड़ी पूंजी इन्वेस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी बड़ी पूंजी इन्वेस्ट करने से पहले आप पहले अच्छी तरह से ठोक बजा कर देख लें कि यह काम आपसे होगा या नहीं।

स्टेप 2: सर्वे करने अपनी मार्केट तलाशें

अब आपने अनाज का होलसेल बिजनेस करने का मन बना ही लिया है तो आपको सबसे पहले अपने एरिया का सर्वे करना चाहिये। बेहतर हो कि आप सर्वे के दौरान अपना विजिटिंग कार्ड उन रिटेलर्स को दें जो आपके टारगेट कस्टमर्स हों। और उनसे उनका विजिटिंग कार्ड ले लें । यदि किसी रिटेलर्स के पास विजिटिँग कार्ड न हो तो उनकी डिटेल अपनी डायरी में नोट कर लें। इस तरह से आपको अपने क्षेत्र के रिटेलर्स की जानकारी मिल जायेगी। सर्वे के दौरान आपको यह भी देखना होगा कि इस क्षेत्र में गेंहू की ज्यादा खपत है। जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेंहूं अधिक इस्तेमाल होता है और असम, प.बगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड,छत्तीसगढ़ आदि में चावल अधिक खाया जाता है।

स्टेप 3: अनाज को सस्ते दामों पर खरीदने की रणनीति बनायें

जब मार्केट सर्वे में सब कुछ साफ हो जाए तो आपको अपने व्यवसाय को व्यवस्थित  करना आसान हो जायेगा। आपको यह विचार करना है कि आप गेंहू कहां से खरीदें, जो किफायती दाम में आसानी से मिल सकें ताकि उस पर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सके। अब इस स्टेप में आपको अपना होलसेल बिजनेस शुरू करने के लिए एक दुकान व एक गोदाम की आवश्यकता होगी। दुकान तो आपको थोक मार्केट में या उसके आसपास ही लेनी होगी। जो आपको थोड़ी महंगी मिल सकती है।

स्टेप 4: बिजनेस प्लान बनायें

अब आपको अपना बिजनेस प्लान बनाना बेहद आवश्यक हो जाता है। पूंजी कितनी लगानी है, दूकान और गोदाम पर कितना खर्च करना है, माल कितना खरीदना है, कैसे माल बेचना है, कितने हेल्पर रखने हैं, ट्रांसपोर्ट का साधन भी रखना होगा या हायर करना होगा, बिजनेस में होने वाले सारे खर्चों, और सबसे आखिर में आपको कितना मुनाफा लेना है, इन सबका हिसाब रखना होगा।

स्टेप 5: कानूनी कार्रवाई पूरी करने में ही है समझदारी

अक्सर यह देखा गया है कि लोग अपना बिजनेस शुरू तो कर लेते हैं लेकिन बिजनेस के बारे में कानूनी कार्रवाई को नजरंदाज कर देत हैं। जब तक कोई बाधा न खड़ी हो जाये तब तक वह वैसा ही करते रहते हैं। यह करना मंहगा भी पड़ जाता है। एक समय के बाद जब किसी कानूनी कार्रवाई सामना करना पड़ता है, तब भागदौड़  अधिक करनी पड़ती और कानूनी कार्रवाई  भी महंगी ही  पड़ जाती है।

स्टेप 6: कितनी लागत आयेगी

चूंकि बिजनेस करने की पहले से ही तैयारी कर ली है तो आपने बिजनेस में लगने वाली लागत के बारे में भी तैयारी कर रखी होगी।  वैसे तो यह लागत बिजनेस के आकार के अनुसार ही तय होती है। इसके बावजूद एक्सपर्ट की राय है कि इस बिजनेस को अच्छी तरह शुरू करने के लिए 5 से 7 लाख तक की पूंजी की जरूरत होती है।

स्टेप 7: मुनाफा कितना मिलेगा

व्यक्ति व्यवसाय लाभ कमाने के लिए करता है। व्यवसाय को शुरू करने से पहले ही यह सोचता है कि पूंजी और मेहनत लगाने के बाद उसे कितना फायदा होगा। यह बात अवश्य सोचनी चाहिये। जो व्यक्ति यह नहीं सोचता है वो बिजनेस को चला नहीं सकता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि शुरू-शुरू में मुनाफा न भी मिले तो कोई बात नहीं कंपटीशन में पहले ग्राहक को फायदा दे दें हम तो बाद में कमा लेंगे। इस चक्कर में उनकी पूंजी का घटना शुरू हो जाता है और जब वो मुनाफा कमाने की सोचते हैं तब तक तो बिजनेस उतार पर आ जाता है। इसलिये बिजनेस शुरू करने के साथ ही मुनाफा सोचना होगा।

स्टेप 8: अपने बिजनेस को इस तरह बढ़ायें

व्यवसाय शुरू करने और उसको रफ्तार देने के लिए क्या करना होगा। इसका एक ही जवाब है कि आपको अपनी फर्म और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करवानी होगी। इसके लिए आपको ऑफलाइन व ऑनलाइन मार्केटिँग के साथ ही आपको कुछ एजेंट मार्केट में उतारने होंगे जो आपके प्रोडक्ट की खूबियों और रेट तथा ग्राहकों को मिलने वाले फायदे के बारे में अच्छी तरह से समझायेंगे।

यदि आपका बिजनेस स्थिर हो गया है। यानी आपकी मार्केट में चुने हुए रिटेलर हैं और उनकी खरीद से आपका मुनाफा आगे नही बढ़ रहा है तो आपको कुछ और प्रयास करने होंगे। उन प्रयासों में खाद्यान्न वस्तुओं की नामी-गिरामी ब्रांडवाली कंपनियों से टाइअप करना होगा। साथ ही सरकारी टेंडरों में आपको भाग लेना होगा। टेंडर की मंजूरी मिलने के बाद आपको बड़े पैमाने पर सप्लाई करने का ऑर्डर भी मिल सकता है। जिससे आपको काफी लाभ हो सकता है।

अनाज के होलसेल व्यवसाय की कुछ खास बातें हैं जो काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभातीं हैं। जैसे विशेष सीजन पर सस्ता माल खरीद कर स्टोर करना और उसे दूसरे सीजन में बेचने से काफी लाभ होता है। इसके लिए आपके पास डबल पूंजी हो और स्टोर करने के लिए लम्बे चौड़े गोदाम हों। गोदामों में रखे माल की देखरेख करने वाले कर्मचारी आपके पास हों तो आप इस बिजनेस से अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

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