हींग का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में प्रतिदिन होता ही रहता है । कभी दवाई के रूप में कभी स्वाद के रूप में कभी तड़के के रूप में इसका उपयोग करते हैं। हींग के बिना हमारे खाने का स्वाद ना मालूम कहां खो सा जाता है इसलिए जब भी किसी खाने में तड़के का नाम आता है तो हींग का सबसे पहले नाम लेते हैं हींगवाला तड़का।
हींग हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है तो क्यों ना हमे हींग का ही बिजनेस शुरू किया जाए। अगर आप हींग का बिजनेस शुरू करते हैं तो आप इससे काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और सबसे बड़ा फायदा आपको यह होने वाला है कि इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कोई स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती है ना ही किसी स्पेशल मशीन की अगर आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो सिर्फ आपको इस प्रकार से इस बिजनेस को शुरू करना चाहिए ।
हींग बनाने का व्यवसाय शुरू करें ? Hing Ka Business Kaise Kare
हमारा देश मसालों के मामले में प्राचीन समय से ही दुनिया भर में अव्वल नंबर पर रहा है और भारत में बनाए गए मसाले दुनियाभर में प्रचलित है और इसीलिए दिन प्रतिदिन भारत के मसालों की मांग भारत के अलावा बाहरी देशों में भी बढ़ती जा रही है भारत हर साल लाखों, करोड़ों रुपए का मसाला बाहर भेजता है।
इसी मसाले को विदेशी लोग काफी पसंद करते हैं और जब विदेशी लोग भारत में आते हैं तब भी भारत से कुछ मसालों के पैकेट जरूर लेकर जाते हैं क्योंकि भारतीय मसालों में एक अलग प्रकार का सवाद होता है जो कि दुनिया की किसी भी मसाले में नहीं है।
इसीलिए हमारे देश में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि सिर्फ मसालों का ही व्यापार करते हैं और बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि मसालों की ही खेती करते हैं और वे लोग हर साल इन मसालों से ही काफी पैसा कमा रहे हैं और कुछ लोग तो ऐसे हैं जो कि सीधा विदेशों में ही अपने माल को भेजते हैं।
भारत में हींग का उत्पादन नहीं होता है परंतु हींग का इस्तेमाल दुनिया में पैदा होने वाली हींग का 40 परसेंट अकेले भारत में होता है।
हींग की भारत में खपत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने एक संबोधन में कहा था कि हींग के लिए भारत को अब दुनिया अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मध्य एशिया के देश कुछ देश जैसे अफगानिस्तान, ईरान में हींग की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है। मध्य एशिया के लगभग देशो में हींग की खेती(Hing Farming) होती तो है लेकिन दक्षिणी ईरान हींग का पैदावर बड़े पैमाने पर किया जाता है।
हींग की पैदावार(Hing production) ईरान में सबसे ज्यादा होती है। यहा इसे फूड ऑफ गॉड्स कहा जाता है। दुनिया के कुछ देशों में हींग को दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। लेकिन भारत में आज भी हींग एक मसाले के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया के 40 फीसदी हींग की खपत भारत में की जाती है। हींग की खेती अब भारत में होने लगी है। खेती की शुरूआत 2020 में हिमाचल प्रदेश से शुरू हो गई है। हिमाचल के लाहौल घाटी में किसानों ने हींग की खेती की शुरूआत की है।
भारत में इस्तेमाल होने वाली हिंग ईरान अफगानिस्तान उज़्बेकिस्तान जैसे देशों से आता है कुछ व्यापारी इसे कजाकिस्तान से भी मंगवाते हैं अफगानिस्तान से आने वाले हींग की मांग सबसे ज्यादा होती है ।
हींग इन देशों से जब भारत में आती है तब वह लिक्विड या तरल रूप में पाई जाती है इसके बाद इसको प्राकृतिक रूप से धूप में तैयार किया जाता है इसमें कुछ मिलावट की जाती है जिसके बाद इसकी कीमत तय होती है कि किस प्रकार की मिलावट किस हींग में की गई है।
हींग क्या होता है
जिस तरह से दुनिया भर में अनेक प्रकार के मसाले खाने में इस्तेमाल किए जाते हैं उसी तरह से हींग का भी इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है इसके अलावा भी हींग के कई दूसरे इस्तेमाल किए जाते हैं।
लेकिन जिस तरह से दूसरे मसालों की खेती की जाती है उस तरह से हींग की खेती नहीं की जाती बल्कि यह एक बहुत ही कठोर पत्थर की तरह से मिलने वाली चीज है।
जिसको अनेक प्रकार की प्रक्रियाओं से गुजार कर खाने योग्य बनाया जाता है इसमें कई अलग-अलग प्रकार की चीजें डाली जाती है एक बहुत ही तेज गंध वाली चीज है इसमें अलग-अलग प्रकार के गुण पाए जाते हैं।
इनमें हींग में मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है जो कि सफेद हींग और लाल हींग होती है सफेद हींग को काबुली सुफेड भी कहा जाता है क्योंकि यह अफगानिस्तान में पाई जाती है और लाल हींग बहुत ही तीखी और कड़वी होती है।
जिसमें कई अलग-अलग चीजें मिलाकर खाने योग्य बनाया जाता है इसमें मुख्य रूप से सल्फर के योगिक पाए जाते हैं जिनके अंदर बहुत ही की गंध निकलती है हींग पाउडर की मांग दिन-प्रतिदिन भारत के अलावा दूसरे देशों में भी बढ़ती जा रही है।
क्योंकि हिंग पाउडर से खाने में एक अलग प्रकार का स्वाद आता है इसीलिए इस को खाने योग्य बनाने के बाद भारत के अलावा बेल्जियम, केनेडा, यूनाइटेड स्टेट और दूसरे कई देशों में भेजा जाता है इस खाने योग्य बनाने के बाद मुख्य रूप से पाउडर और गोलियों के रूप में ही पैक किया जाता है।
हींग की होलसेल मार्केट
जब आप अपने मार्केट को अच्छे से समझ जाएं कि आपके मार्केट में किस प्रकार की हींग की मांग है । तो आप उसी प्रकार की हिंग खरीदने के लिए होलसेल मार्केट में जाएं जहां से आपको कम से कम कीमत में और अच्छी से अच्छी क्वालिटी की हिंग मिल सके।
होलसेल मार्केट से आपको कम से कम तीन क्वालिटी की हींग खरीदनी है एक इस प्रकार की जोक आप अपने मार्केट में नंबर वन कह सके और नंबर दो कह सके और नंबर तीन कह सकें ।
ऐसा इसलिए की आपको मार्केट में जब हींग बिक्री के लिए जाना होगा तब क्वालिटी के लिए ज्यादा कस्टमर को समझाना नहीं पड़ेगा इसलिए कम से कम तीन क्वालिटी आपको खरीद कर रखना होगा ।
भारत में हींग की सबसे बड़ी मार्केट उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में है और यहा से आप किसी भी प्रकार की हींग खरीद सकते हैं। यह भारत की सबसे बड़ी हींग की मंडी है एवं यहीं से हींग पूरे भारत में सप्लाई की जाती है ।
जो भी माल बाहर से तरल द्रव्य के रूप में आता है उसको हाथरस में ही तैयार करके खाने योग्य बनाया जाता है जिसको हम अपने किचन में बड़े शौक से रखते हैं और खाते हैं।
हींग पाउडर कैसे बनाया जाता है
एक पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले हींग के पेस्ट को पानी में भिगोया जाता है फिर कुछ देर बाद इस भीगे हुए उनके हींग के पेस्ट को बाहर निकालकर मिक्सर ग्राइंडर डालकर इसमें अच्छी तरह से गोंद व स्टार्च मिलाया जाता है जब भीगी हुई हींग के साथ यह दोनों चीजें अच्छी तरह से मिल जाती है।
उसके बाद में इस मिले हुए मिश्रण को बाहर निकालकर इसे मिलिंग मशीन के साथ इसको पाउडर बनाया जाता है फिर कई बार इस पाउडर को सीधा भी पैक किया जाता है।
कई बार इस पाउडर की छोटी गोलियां भी बनाई जाती है। जिसके लिए इसको अलग पैकिंग हॉल में भेज दिया जाता है वहां से इसको अलग-अलग पैकिंग में पैक करके होलसेलर के पास भेजा जाता है।
पैकिंग सामग्री खरीदना
जब आप हींग की होलसेल मार्केट से ही खरीद कर लाते हैं उसके बाद आपको अपने मार्केट के हिसाब से हींग की छोटे-छोटे पैकेट तैयार करने होते हैं जिन्हें आप 5g 10g 20g 50g और 100g की पैकिंग तैयार करनी होती है।
इस पैकिंग के लिए आप चाहे तो प्लास्टिक की छोटी रेडीमेड डिब्बी खरीद सकते हैं या फिर प्लास्टिक पन्नी खरीद सकते हैं । ये दोनों ही तरीके आसान और सरल है और यह मार्केट में बहुत ही सरल तरीके से उपलब्ध भी हो जाते हैं ।
हींग तोलने के लिए तराजू खरीदें
हींग का बिजनेस पूर्ण रूप से नापतोल पर निर्भर करता है इसलिए आपको यह बिजनेस शुरू करने से पहले एक डिजिटल तराजू खरीदनी होगी। जिससे कि आप जो जितना भी ही खरीद कर ला रहे हैं उसकी सही से नापतोल कर सके और डिब्बा पन्नी में पैक कर सकें ।
यह आपको मुख्य रूप से ₹1000 से लेकर ₹2000 तक में मिल जाती है जो की आपको अपने मार्केट में तलाश करनी है और बिजनेस शुरू करने से पहले लाकर इसे घर पर रखनी है।
पैकिंग के लिए स्टिकर छपवाना
जब आप हींग को छोटे-छोटे डिब्बी में पैक करें या पन्नी में पैक करते हैं तब इसके बाद इस पर एक स्टीकर लगाना अनिवार्य है और ऐसा करने से आपके हींग की क्वालिटी बढ़ जाती है और लोगों को एक नाम भी मिल जाता है जिस नाम से वह मार्केट में आपकी हींग को खरीद सकते हैं । इसलिए आपको प्रत्येक पैकेट पर अपने नाम का स्टीकर जरूर लगाना है जिस पर आपकी फर्म का नाम हो एमआरपी स्टीकर हो जिससे उसकी कीमत के बारे में जानकारी मिल सके और साथ ही यह यह कहां पर तैयार हुई है और यह भी उसमें लिखा होना चाहिए जिससे कि लोगों को आपकी हींग के बारे में पूरी जानकारी मिल सके ।
हिंग सेलिंग के लिए सेलर बॉय
हींग की बिक्री करने के लिए आपको एक या दो लड़के रखने की जरूरत होती है शुरुआत के दिनों में आप चाहे तो इस काम को स्वयं भी कर सकते हैं परंतु आप अगर इसे न करना चाहे तो आपको एक या दो लड़के जरूर रखना चाहिए जो की मार्केट में जाकर आर्डर लेकर आ सके और उन तक जो भी माल आर्डर आया हुआ है और वह पहुंचा सके और उनसे रुपए लाकर आपको दे सकें ।
हींग की होलसेल कीमत
मार्केट में हिंग की कीमत ₹2000 किलो से शुरू होकर ₹30000 किलो तक जाती है यह उसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार की क्वालिटी की ही मार्केट से खरीद रहे हैं मूल रूप से मार्केट में जो हींग की क्वालिटी हमें प्राप्त होती है वह ₹2000 से लेकर ₹5000 तक की क्वालिटी वाली ही हिंग हमें मिलती है।
हींग बिजनेस में कितना प्रॉफिट
हींग के बिजनेस में प्रॉफिट कितना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने मार्केट में किस प्रकार की हींग की सेलिंग कर रहे हैं ज्यादातर दुकानदार कम कीमत वाली ही हिंग खरीद कर उच्च कीमत वाली हिंग से तुलना कर कर बेचते हैं ।
यदि आप होलसेल मार्केट से ₹3000 किलो वाली ही खरीद कर लाते हैं तो उसे आप अपने मार्केट में ₹6000 प्रति किलो के हिसाब से बहुत ही आसानी से बेच सकते हैं ।और इस प्रकार से अगर आप देखें तो हींग के बिजनेस में प्रॉफिट मार्जिन काफी अच्छा है परंतु यह निर्भर करता है कि आप अपना बिजनेस किस प्रकार से कर रहे हैं बहुत सारे लोग कम मार्जिन पर भी अच्छा प्रॉफिट ले लेते हैं ।
रजिस्ट्रेशन लाइसेंस
यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तब आपको इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले कई जरूरी रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक खाद्य पदार्थ से जुड़ी हुई चीज है इसलिए आपको कई जरूरी रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस लेने होते हैं, जैसे:-
- सबसे पहले आपको रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है
- उसके बाद में आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ता है।
- इसके बाद में आपको स्थानीय प्राधिकरण से भी लाइसेंस लेना होता है।
- फिर आपको फूड विभाग से भी लाइसेंस की जरूरत होगी
- फिर आपको अपने प्रोडक्ट का नाम और लोगो भी रजिस्टर करवाना होता है।
- फिर आपको फायर एवं पॉल्यूशन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट बनवाना होता है
- इसके अलावा आपको वित्त संबंधी भी जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है।
दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया कि हिंग का बिजनेस कैसे करे? यदि आपको यह आर्टिकल पढ़कर नॉलेज मिला है, तो आप इस आर्टिकल को अपने परिवार वालों तथा अपने मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। ताकि यह जानकारी उन लोगों को भी मिल जाए। यदि आपको इस आर्टिकल में कोई भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जानकारी दे सकते हैं, हम उस कमेंट का जवाब अवशय देंगे। अधिक व्यवसायिक युक्तियों के लिए आप हमारे वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं, हमने अलग अलग तरह की कई व्यवसायिक युक्तियों के बारे में जानकारी अपने इस वेबसाइट पर दिया है। मिलते हैं अगले आर्टिकल में, तब तक के लिए धन्यवाद।