राज्य के शासन व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए राज्यों में सरकार का गठन किया जाता है , सरकार का निर्माण विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों से मिलकर होता है | विधानसभा और विधान परिषद के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों को ही विधायक कहा जाता है | भारत के केवल सात राज्यों में ही विधान परिषद का गठन हुआ है | विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों द्वारा ही राज्य के विकास की नीति का निर्माण किया जाता है | विधान परिषद को उच्च सदन और विधानसभा को निम्न सदन कहा जाता है | बहुमत प्राप्त करने वाले दल के नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाता है |
विधायक कैसे बनते हैं | How To Become An MLA
विधायक कैसे बनें?
विधान सभा का सदस्य (एमएलए) वह प्रतिनिधि है जिसे भारतीय सरकारी प्रणाली के तहत एक निर्वाचन जिले के मतदाताओं द्वारा किसी राज्य के विधानमंडल के लिए चुना जाता है।
यदि आप भर की राज्यव्यवस्था से संबधित पुस्तकें या कुछ भी पढ़ते हैं तो आप राज्य सरकार के बारे में पढ़ेंगे, तो आपको वहां पता चलेगा, की विधायकों का समूह ही राज्य में सरकार बनाता है, और अपना एक मुख्यमंत्री चुनता है। विधायक की मीटिंग में ही राज्य के मंत्री बनाये जाते हैं। सरकारी प्रशाशन में विधायक का एक अहम् योगदान होता है, और मुख्यमंत्री का सपना देखने वाले लोगो का यह पहला मकसद यही होता है, भारी मतो से जीता हुआ विधायक राज्य में CM पद का दावेदार भी हो सकता है।
विधायक की योग्यता
अब आपको विधायक के बारे में थोड़ी जानकारी हो गयी होगी, लेकिन क्या आपको पता है, की एक विधायक बनने के लिए भी योग्यता की जरुरत है, यह योग्यता पढ़ाई में नहीं है, बल्कि और भी कुछ मापदंड है, जिसके बाद ही एक व्यक्ति विधायक का चुनाव लड़ सकता है, आईये जानते है एक विधायक बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।
- व्यक्ति भारत का नागरिक हों
- राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में व्यक्ति का नाम संलग्न होना चाहिए
- विधासभा के सदस्य बनने के लिए नामांकन के समय व्यक्ति की आयु 25 वर्ष हो चुकी हो, तथा विधान परिषद् में 30 वर्ष आयु निर्धारित की गई है।
- वह किसी भी लाभ के पद पर न होना चाहिए।
- विधायक या मंत्री बनने की अंतिम शर्त है की वो व्यक्ति मानसिक रूप से पागल या दिवालिया नहीं होना चाहिए, यानी उसका मानसिक स्तर और दिमाग ठीक होना चाहिए।
- इसके साथ साथ व्यक्ति किसी कोर्ट में आरोपी भी नहीं होना चाहिए, अगर वो आरोपी है, तो इसकी जानकारी उसे इलेक्शन के समय देनी होगी।
तो दोस्तों, अगर आप ऊपर दिए गए सभी योग्यता के बिन्दुओ पर खड़े उतरते हैं, तो फिर आप एक विधायक का चुनाव लड़ सकते है, चुनाव कैसे लड़ना होगा, और चुनाव में जीत का क्या मंत्र है, इसकी जानकारी मैंने निचे दी है, तो चलिए अब जानते हैं, की एक विधायक के पास क्या पावर है और उसको क्या सरकारी सुविधाएं मिलती हैं।
विधायक की शक्तियां
विधायक केवल एक पद नहीं, बल्कि यह एक स्टेट्स सिंबल भी है, चाचा विधायक है हमारे ये डाईलोग आपलोगों ने कई बार सुना ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है, की एक विधायक की शक्तियां क्या है, या फिर एक विधायक राज्य में कितना ताकत रखता है।
एक विधायक की शक्तियों को चार भागो में बांटा जाता है, पहला विधान शक्तियां, यानी वो शक्तियां जो भारत के संविधान के अनुसान इन्हे मिली है, जैसे एक विधायक राज्य सूची और समवर्ती सूची पर अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। राज्य सूची में अकेले व्यक्तिगत राज्य, जैसे कि व्यापार, वाणिज्य, विकास, सिंचाई और कृषि के महत्व के विषय शामिल हैं, जबकि समवर्ती सूची में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों जैसे उत्तराधिकार, विवाह, शिक्षा, गोद लेने, जंगलों और इतने पर। वह अपने कार्यक्षेत्र के अंदर इनपर कार्य कर सकता है, और आवश्यकता होने पर सरकार से इनके लिए कोई कानून या निति बनाने के लिए भी बोल सकता है।
विधायक की शक्ति में दुसरा वित्तीय शक्ति है, यानि एक विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में सरकार से वित्तीय मांग कर सकता है, और सरकार को फण्ड देने के लिए बोल सकता है। विधायक अपने विवेकनुसार इस पैसे को अपने कार्यक्षेत्र के अंदर खर्च कर सकता हैं।
विधायक के पास कार्यकारी शक्तियां भी होती है, जैसे वो अपने क्षेत्र की समस्याओ को लेकर डीएम और एसपी के साथ विचार विमर्श भी कर सकता है, हालांकि
विधायक निर्वाचन प्रणाली
- प्रत्यक पांच वर्ष की अवधि के लिए विधायक का निर्वाचन होता है।
- विधान सभा में पूर्ण बहुमत पूरे न होनें पर राष्ट्रपति शासन लागू होगा और छ: माह के अन्दर पुनः चुनाव प्रक्रिया करायी जाएगी।
- विधानसभा सदस्य के उम्मीदवार को 18 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं द्वारा वोट दिया जाता है।
- एक निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों की संख्या निश्चित नहीं होती है।
- उम्मीदवार को किसी भी राजनैतिक दल में शामिल होना जरूरी नहीं हैं, वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो सकता है।
- उम्मीदवार का निर्वाचन उसी क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा किया जाता है।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34(1)(ख) के अनुसार विधान सभा का चुनाव लड़नें वाले सामान्य अभ्यर्थी को 10,000/- रुपए की प्रतिभूति राशि जमा करानी होगी | अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी को 5000/- (मात्र पांच हजार रुपए) की प्रतिभूति राशि जमा करनी होगी।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33(7) के अनुसार, एक व्यक्ति दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से विधान सभा का चुनाव नहीं लड़ सकता।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के अधीन, राज्य विधान सभाओं के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव संबंधी व्यय विवरण (नामांकन की तिथि से परिणाम की तिथि तक) 30 दिनों के अंदर निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
विधायक का वेतन
सबसे कम त्रिपुरा राज्य में 40,000 रु० प्रतिमाह तथा सबसे अधिक वेतन तेलंगाना राज्य में 2,50,000 रु० प्रतिमाह है |
पुराने विधायकों की पेंशन
पुराने विधायकों की पेंशन 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रतिमाह, एवम् पुराने विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन की राशि 80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। जिसमें से 50 हजार रुपये निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के रूप में प्रयोग किया जा सके |