जिस प्रकार श्री कृष्णा ने अर्जुन को अपने ज्ञान से विजय प्राप्त कराई उसी प्रकार हम भी उसी ज्ञान का उपयोग करके हर चीज में सफलता प्राप्त कर सकते। इसलिए हम लाए है 50 से अधिक श्री कृष्णा के कथन जो आपको सही मार्ग पर अग्रसर होने में सहायता करेंगे।
श्री कृष्ण का कथन है की अपने दिल को सदैव हमें कार्य पर लगाओ ना कि उस कार्य के परिणाम पर। श्री कृष्णा ने काई बार दौरहर है कार्य ही आपके फल को निर्धारित करते है तो क्यों ना अपने कार्यों को पूरी चेष्टा से करे बिना कोई फल की चिंता किए बिना,इसी प्रकार श्री कृष्ण के कथनों पर चल कर सफ़लता के मार्ग हासिल करे। इसी प्रकार के और प्रेनादायक श्री कृष्ण कोट्स और आप प्राप्त कर सकते वो भी इंग्लिश के मायने के साथ – सार्वज्ञम्।
जिस प्रकार श्री कृष्णा ने अपने ज्ञान से अर्जुन को सफलता प्राप्त करवाई थी उसी प्रकार राधा और कृष्णा जी की लीला भी इतनी ही प्रभावशाली और प्रसिद्ध है। श्री कृष्णा के माखन चुराने की रासलीला और अपनी बसूरी से सबका मन मोह लेना ये सब श्री कृष्णा के ज़िन्दगी और कथनों में साफ झलती है और इसलिए श्री कृष्णा के कोट्स और भी आपको सही मार्ग पर ले जाने में सफल रहेंगे। आप इन कोट्स को अपने परिवार और दोस्तो में शेयर करके इस ज्ञान को और बांटे क्यूंकि ज्ञान बांटने से ही प्राप्त होता है।
(श्री कृष्णा कोट्स)
जो हैं माखन चोर, जो हैं मुरली वाला,
वही हैं हम सबके दुःख हरने वाला।
भाग्यवान वह होते हैं, जो राधा कृष्ण
के दरबार में शीश झुकाते हैं।
कर्म का धर्म से अधिक महत्व है
क्योंकि धर्म करके भगवान से माँगना पड़ता है
पर कर्म करने पर भगवान स्वयं फल देता है।
इंसान कर्म करने में मनमानी कर सकता है।
लेकिन फल मांगने में नहीं।
कृष्ण कहते हैं, अहंकार मत कर
किसी को कुछ भी देकर,
क्या पता – तू दे रहा है या पिछले जन्म का कर्जा चुका रहा है।
मंज़िलें मुझे छोड़ गई,
रास्तों ने संभाल लिया।
जा, जिंदगी तेरी जरूरत नहीं, कृष्ण ने मुझे संभाल लिया।
इस भौतिक संसार का यह नियम है
जो वस्तु उत्पन्न होती है, कुछ काल तक रहती है
अंत में लुप्त हो जाती है चाहे वे शरीर हो, फल हो ।
तुम कृष्णा की तलाश करो
कृष्णा स्वयं तुम्हें ढूंढ लेंगे।
(श्री कृष्णा कोट्स)
कृष्ण कहते हैं जैसे, प्राणी अपने पुराने कपड़ों उतार कर फेंक देता है,
नए को धारण करता है, उसी प्रकार यह आत्मा पुराने
शरीर से त्याग करके नया शरीर प्राप्त करती हैं।
जिस दिन हमारा मन राधा कृष्णा को याद करेगा
उसमें दिलचस्पी लेगा, उसी दिन से
परेशानियां आना बंद हो जाएगी।
कृष्ण कहते हैं जब – जब संसार में धर्म की हानि होगी,
अधर्म की विजय। तब – तब मैं इस पृथ्वी पर अवतार लूंगा।
कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य अपने कार्यों के अनुसार ही,
उन्नति व अवनति प्राप्त करते हैं।
यह जीवन अगले जीवन की तैयारी है
मनुष्य को सदा अच्छे कार्य करने चाहिए।
(श्री कृष्णा कोट्स)
कृष्ण कहते हैं, इस जगत में मनुष्य भौतिक वस्तुओं का
भोग कर सकता है। अगर वे चाहे तो सब कुछ छीन सकते हैं।
मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता।
राधा कृष्ण की कृपा पाने के लिए,
हृदय में भक्ति जगाना होगा।
जिसमें यह भक्ति जागृत है, वह बड़ा भाग्य वान है।
तुमने यदि किसी वस्तु की इच्छा की,
यदि वह इच्छा कृष्ण के अनुकूल नहीं है
तो उस कार्य में सफलता नहीं मिलेगी।
कृष्ण कहते हैं यह बात हमेशा याद रखो,
कैसे भी हालात हो, किसी प्रकार का अन्याय, पाप या
किसी भी गलत बात का समर्थन नहीं करोगे,
चाहे वह पति या पुत्र
(श्री कृष्णा कोट्स)
इस संसार में विभिन्न कलाएं हैं
और इस कला में एक अच्छी कला है
किसी के दिल में समा जा, उसे छू लेना।
जो व्यक्ति अंतिम समय कृष्ण का चिंतन करता है
कृष्ण को प्राप्त होता है।
मनुष्य को चाहिए वह अंतिम क्षणों में कृष्ण का चिंतन करें।
जिस प्रकार पानी में तैरती नाव को तेज वायु बहा ले जाती है
उसी प्रकार विचारशील इंद्रियों में से कोई एक जिस पर मन लगा रहता है
वह मनुष्य की बुद्धि हर लेती है। इसलिए इंद्रियों को
कृष्ण भावना में लगाना चाहिए।
(श्री कृष्णा कोट्स)
भगवान कृष्ण का एक मंत्र व प्रार्थना
मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, हरे कृष्णा हरे हरे
हरे राम, हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे।
भगवान कृष्ण को जान लेने से
मनुष्य जन्म मरण के बंधनों से मुक्त हो जाता है।
कृष्ण कहते हैं लोग जिस भाव से मुझे ग्रहण करते हैं
उसी के अनुसार उन्हें फल मिलता है ।
महाभारत युद्ध में कृष्ण भगवान यह दिखाना चाहते थे
पाप की हार होती है और सत्य की जीत।
(श्री कृष्णा कोट्स)
अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव
तीनों ही चले जाते हैं।
विश्वास ना हो तो रावण, कौरव और कंस का अंत देख लो।
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु निश्चित है
जितना की मृत्यु होने वाले व्यक्ति का जन्म लेना
निश्चित है। यह जीवन का सच है।
(श्री कृष्णा कोट्स)
उपहार देना तब अच्छा लगता है जब उस व्यक्ति
के पास वह वस्तु आप दे दो जिसकी वह
कल्पना नहीं करता था। इसलिए उपहार सही
समय पर सही इंसान को देना चाहिए।
भगवत गीता में कृष्ण ने कहा है
जन – जन में बसे हैं राम
प्राण में बसी राधा रानी
मन में बसे हैं कृष्ण।
जब घर से बाहर निकले,
तो प्रभु कृष्ण के सामने झुक कर कहे
हे प्रभु मैं आपसे मिलकर जा रहा हूं शीघ्र लौटूंगा
क्योंकि भगवान भी आपके लौटने का इंतजार करते हैं।
(श्री कृष्णा कोट्स)
कृष्णा के लिए खर्च की गई कोई चीज,
कभी व्यर्थ नहीं जाती
चाहे वह सांस हो या वक्त।
(श्री कृष्णा कोट्स)
कृष्ण कहते हैं मनुष्य शरीर त्याग करते समय
जिस भाव का चिंतन करता है, उसी भाव अनुसार उसका
अगला जन्म निश्चित हो जाता है।
कृष्ण कहते हैं जो मनुष्य भगवत गीता को
निष्ठा, प्रेम पूर्वक, गंभीरता से पढता है, उसके द्वारा
किए गए पूर्व के सारे दुष्कर्म फलों का प्रभाव
समाप्त हो जाता है। वह मेरी शरण में आता है।
(श्री कृष्णा कोट्स)
मनुष्य को अपने जीवन के उद्देश्य को समझना चाहिए
एक पशु, दूसरे पशु का वध करता है, तो यह पाप नहीं।
लेकिन मनुष्य स्वार्थ के लिए पशु का वध करता है तो वह पाप है।
जिंदगी में हम कितने गलत हो या सही,
सिर्फ दो लोग जानते हैं – आत्मा और परमात्मा।
राधा कृष्णा का नाम मानो एक अनमोल रत्न है
जिसका मूल्य पाया नहीं जा सकता।
हे कृष्ण, मुझे सिर्फ ‘तू’ चाहिए
ना तेरे जैसा ना कोई तेरे ‘सिवा’।
कृष्ण का कहना है हमारे यह शरीर रथ है, बुद्धि हमारी सारथी
मन चालक है और इंद्रियां हमारे घोड़े हैं। दुख सुख का अनुभव
आत्मा को मन व इंद्रियों की संगति से होता है।
(श्री कृष्णा कोट्स)
इस संसार में मूर्ख व्यक्ति, अधर्मी, अज्ञानी व
नास्तिक प्रकृति का व्यक्ति, मेरी शरण स्वीकार नहीं कर सकता।
यदि कोई व्यक्ति प्रेम से, भक्ति से, पुष्प फल, जल भी
मुझ पर चढ़ा दे तो उसी भाव से उसे स्वीकार करता हूं
वह मेरा प्रिय भक्त होता है।
(श्री कृष्णा कोट्स)
अंत काल में जो मनुष्य मेरा स्मरण करते हुए,
देह त्याग करता है वह मेरी शरण में आता है।
इसलिए मनुष्य को चाहिए कि अंत काल में मेरा चिंतन करें।
जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं,
जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं,
उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।
जब हम स्वयं जीवन के शिल्पकार हैं, तो चलो हम
अपनी मुश्किलें को हराते हैं, जीवन में मुस्कुराते हैं।
हमारा मस्तिष्क एक चुंबक है, जब हम समाधान खोजेंगे
तो यह समाधान की ओर आकर्षित होगा।
अगर परेशानी की सोचेंगे तो उसी ओर आकर्षित होगा।
हमेशा सकारात्मक सोच है।
मन जहां शुद्ध होगा, वहां मन एकाग्र हो जाएगा
जब मन एकाग्र होगा, तो वह कुशाग्र होगा।
तब तुम्हें परम शांति की प्राप्ति होगी।
(श्री कृष्णा कोट्स)
आदमी को 84 लाख योनियों के बाद यह
मनुष्य तन प्राप्त हुआ, इसे ऐसे ना गवाएं
हर समय परमात्मा के नाम का स्मरण करें।
(श्री कृष्णा कोट्स)
मनुष्य जीवन जीने के दो रास्ते हैं
“चिंता व चिंतन”
कुछ चिंता में जीते हैं कुछ चिंतन में,
चिंता में जीने वाले हज़ारो हैं चिंतन में दो चार है
चिंता स्वयं एक मुसीबत है, चिंतन उसका समाधान
जब आप कृष्ण की पूजा नहीं कर पाए;
तो यह मत समझना समय नहीं मिला
सोचो, आज हमने ऐसा कौन सा काम किया,
कि भगवान ने अपने सामने, खड़ा होना पसंद नहीं किया।
चाहे लाख रुपए इकट्ठा कर लो
अपने कर्मों के सिवा,
इस दुनिया में कुछ नहीं ले जा सकते हो ।
खाली हाथ आए हो, खाली जाना है।
भगवत गीता कृष्ण के मुख से निकले वचन है।
गंगा भगवान के चरणों से निकली;
फिर भी गीता गंगा-जल से अधिक महत्वपूर्ण है।
यदि आपको सुविचार के परिवार का श्री कृष्णा कोट्स को आप लाभकारी लगे। तो इसको नीचे कमेंट बॉक्स में सहराना देना मत भूलियेगा। हम आपके लिए ऐसे ही कृष्णा सुविचार जैसे कोट्स लाते रहेंगे। — धन्यवाद
Great
Really peaceful mind changing quotes.thanks
Bahut hi Sundar Vachan