लिंग कितने प्रकार के होते हैं? | Ling kitne prakar ke hote hain?

वैसे तो हिंदी व्याकरण ( Hindi grammar ) में शब्दों के भेदों ( Parts of speech ) का बड़ा महत्व है जैसे कि संज्ञा ( Noun ), सर्वनाम ( Pronoun ), क्रिया ( Verb ), विशेषण ( Adjective ) इत्यादि।  लेकिन इन सबके अलावा भी कुछ चीजे होती है, जिनके बिना हमारा वाक्य अधूरा होता है। हिंदी भाषा में बोलते या लिखते हुए लिंग ( Gender ) का बड़ा महत्व है। अगर हम किसी पुरुष के लिए बात कर रहे हैं, तो बात अलग तरीके से होगी, अथार्त बोलते हुए अलग शब्दों का प्रयोग होगा।  तथा वहीँ अगर हम किसी स्त्री के लिए बात कर रहे हैं तो अलग शब्दों का प्रयोग होगा ।

आज इस लेख के माध्यम से हम मुख्य रूप से लिंग के बारे में जानेंगे।  लिंग क्या है?, लिंग कितने प्रकार के होते हैं? यानी लिंग के कितने भेद हैं? इत्यादि। इन सभी को एक-एक करके उदाहरण सहित इसे समझने का प्रयास करेंगे –

पूरे विश्व भर में जितने भी प्रकार की भाषाएं लोगों द्वारा बोली जाती है उन सभी भाषाओं में से लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था है, यानी स्त्री पुरुष इत्यादि का पता चलता है। ( फारसी ही बस एक ऐसी भाषा है, जिसमें कोई लिंग नहीं होता है। )

इसके अलावा अंग्रेजी जो पूरे विश्व में बोली जाने वाली भाषा है, इसमें भी लिंग सिर्फ सर्वनाम में ही होता है। अंग्रेजी में मेल फीमेल का पता सर्वनाम के he, she, his, her इत्यादि से चलता है।उदाहरण के लिए

वह  जाता है।

वह जाती है ।

ऊपर दिए गए दोनों उदाहरणों में से जाता और जाती लिखे होने पर जाति का पता चल रहा है। जाता पुरुष के लिए लिखा जाता है जबकि जाती स्त्री के लिए।

सप्ताह के दिन के सभी नाम  पुल्लिंग होते हैं। सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार सभी  पुल्लिंग है। इसके साथ ही पर्वतों के नाम जैसे हिमालय, एवरेस्ट, कंचनजंगा, हिमाचल, कैलाश, माउंट एवरेस्ट, विद्यांचल, सतपुडा, मलयाचल इत्यादि भी पुल्लिंग ही है। सोना, चांदी, पीतल, तांबा, पारा इत्यादि जैसी धातुओं के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। देशों के नाम को भी पुल्लिंग माना जाता है, भारत, अमेरिका, जापान, रूस, ईरान, पाकिस्तान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश इत्यादि पुल्लिंग ही है।

इसके अलावा महीनों के नाम जैसे सितंबर, अक्टूबर, आषाढ़, कार्तिक, फाल्गुन इत्यादि भी पुल्लिंग होते हैं। पानी तेल पेट्रोल शरबत दूध दही घी जैसे  द्रवों के नाम भी पुल्लिंग हैं। इनके अलावा और भी बहुत सारे समय सागर अनाज वर्णमाला पेड़ फूल इत्यादि के नाम पुल्लिंग होते हैं।

जैसे की –

१. राम जा रहा है।

इस वाक्य से पता चलता है, कि राम एक लड़का है, और वह कहीं पर जा रहा है।

२. सीता खाना खा रही है।

इस वाक्य से पता चलता है, कि सीता एक लड़की है और वह खाना खा रही है।

 ३. मैं पानी पी रही हूँ।

इस वाक्य से पता चलता है, कि मैं एक लड़की हूँ और मैं पानी पी रही हूँ।

४.  आज मैं दिल्ली जाऊंगा।

इस वाक्य से पता चलता है, कि मैं एक लड़का हूँ और मैं आज दिल्ली जाऊंगा।

५. मैं आज बच्चो को नहीं पढ़ाऊंगी।

इस वाक्य से पता चलता है, कि मैं एक लड़की हूँ और मैं आज बच्चो को नहीं पढ़ाऊंगी ।

अब तक हम ये बात तो  समझ ही गए होंगे कि लिंग का हिंदी भाषा में कितना महत्व है। अब हम लिंग ( gender ) के बारे में आपको विस्तार से समझते हैं।

 

लिंग की परिभाषा ( Definition of Gender )

संज्ञा के जिस रुप से किसी वस्तु की जाति जैसे कि -पुरुष जाती अथवा स्त्री जाती का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं। लिंग एक संस्कृत ( Sanskrit ) भाषा का शब्द है, इसका अर्थ होता है चिन्ह या निशान। यह निशान किसी संज्ञा का ही होता है।

 

लिंग के भेद (Types of Gender)

अब हम आपको हिंदी व्याकरण के लिंग के भेदों के बारे में बताएँगे। संसार के 3 जातियों पुरुष स्त्री तथा जड़ के आधार पर लिंग के तीन भेद होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं –

  • पुल्लिंग
  • स्त्रीलिंग
  • नपुंसक लिंग

 

पुल्लिंग ( Masculine Gender )

संज्ञा के जिस रुप से पुरुष या नर होने का बोध हो,  उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे-

बालक खेलता है।

इस उदाहरण में बालक एक लड़का है जोकि खेल रहा है, अतः ये पुल्लिंग का उदाहरण हुआ।

कुत्ता दौड़ता है।

इस उदाहरण में कुत्ता दौड़ रहा है, अतः ये भी पुल्लिंग का ही एक उदाहरण है।

वो आदमी अपने खाने का इंतज़ार कर रहा है।

इस उदाहरण में वो आदमी एक लड़का है जोकि अपने खाने का इंतज़ार कर रहा है, अतः ये पुल्लिंग का उदाहरण हुआ।

मेरे पिताजी अभी कार चला रहे हैं।

इस उदाहरण में मेरे पिताजी एक पुरुष है जोकि अभी कार चला रहे हैं, अतः ये पुल्लिंग का उदाहरण हुआ।

वो अपने परिवार का ध्यान रखता है।

इस उदाहरण में वो एक लड़का है जोकि अपने परिवार का ध्यान रखता है, अतः ये पुल्लिंग का उदाहरण हुआ।

 

स्त्रीलिंग ( Feminine Gender )

संज्ञा के जिस रुप से किसी वस्तु की स्त्री या मादा जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे-

श्यामा गाती है।

इस उदाहरण में श्यामा एक लड़की है जोकि गा रही है, इसलिए श्यामा एक स्त्रीलिंग का उदाहरण है।

पुस्तक लुभावनी है।

इस उदाहरण में एक पुस्तक की  बात हो रही है, जोकि बहुत अच्छी है।  इसलिए ये एक स्त्रीलिंग का उदाहरण हुआ।

वो लड़की अपनी माँ का इंतज़ार कर रही है।

इस उदाहरण में वो एक लड़की है, जोकि अपनी माँ का इंतज़ार कर रही है।  इसलिए ये एक स्त्रीलिंग का उदाहरण हुआ।

दीदी कही जाने की तयारी कर रही हैं।

इस उदाहरण में दीदी एक लड़की है, जोकि कहीं जाने की तयारी कर रही है।  इसलिए ये एक स्त्रीलिंग का उदाहरण हुआ।

 

पुल्लिंग शब्द ( Masculine words )

धातु, अन्न, माह, दिवस, तारे, ग्रह, रत्न, देश, शहर, पहाड़, वृक्ष, इत्यादि के नाम पुल्लिंग होते हैं। जबकि पृथ्वी, चांदी, मूंग, अरहर, मकई, दाल, इमली, काशी, मथुरा, अयोध्या आदि स्त्रीलिंग है। इसके अलावा आकारांत शब्द जैसे- छाता, लोटा, तनुजा आदि तथा ईकारांत धोबी, कुर्मी आदि पुल्लिंग शब्द होते हैं।

लिंग की पहचान में जिन शब्दों के अंत में त, त्व, आ, आव, पन, इत्यादि प्रत्यय के तौर पर लगे होते हैं वे पुल्लिंग होते हैं। उदाहरण में मन, तन, बचपन, सतीत्व,  देवत्व  इत्यादि।

 

स्त्रीलिंग शब्द ( Feminine words )

नदियों के नाम जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती तथा तिथियों के नाम जैसे दूज, चौथ, इत्यादि स्त्रीलिंग शब्द है। अपवाद के रूप में सिंधु, ब्रह्मपुत्र, तथा सोन नदियां पुलिंग हैं। आकारांत शब्द जैसे- डलिया, डिबिया आदि तथा ईकारांत शब्द जैसे रोटी, कुर्सी आदि स्त्रीलिंग शब्द है। अपवाद के रूप में घी, पानी, हाथी शब्द पुलिंग है।

वह शब्द जो पढने में पुल्लिंग के भांति प्रतीत होते हैं, लेकिन स्त्रीलिंग शब्द होते हैं ऐसे शब्द स्त्रीलिंग अपवाद कहलाते हैं। स्त्रीलिंग के अपवाद के उदाहरन  हैं – जनवरी, मई, पृथ्वी, मुंग, ज्वार, मिठास, खटास, लस्सी, चटनी, सभा, तिथि, संतान इत्यादि।

अब हम आपको कुछ पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदल कर बताते हैं।

हाथी का स्त्रीलिंग- हथिनी

गुरु का स्त्रीलिंग-  गुरुआइन

सम्राट का स्त्रीलिंग- साम्राज्ञी

कवि का स्त्रीलिंग- कवयित्री

 

नपुंसक लिंग ( Neuter Gender)

इसमें ऐसे पदार्थों का जिक्र होता है जो न तो पुल्लिंग हो और न स्त्री लिंग। इसमें ऐसे पदार्थों का समावेश होता है जो ना तो पुल्लिंग है ना ही स्त्रीलिंग।

जैसे :- आननफानन,अवधी, नाम इत्यादि जैसे कई शब्द नपुंसक लिंग होते हैं।

स्त्रीलिंग, पुल्लिंग एवं नपुंसक लिंग के अलावा उभयलिंग को भी कई बार लिंग के एक भेद के रूप में पढ़ा जाता है परंतु हिंदी व्याकरण में इसे लिंग के भेद के रूप में स्थान प्राप्त नहीं है।

ऐसी संज्ञाओं को उभयलिंग कहा जाता है जो स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंग दोनों ही हो सकते हैं। डॉक्टर, इंजीनियर शिक्षक, खिलाड़ी, इत्यादि समेत इन जैसे अन्य शब्दों को उभयलिंग कहा जाता है, क्योंकि डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक इत्यादि स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है। इन्हें स्त्रीलिंग की तरह भी लिखा जा सकता है या पुल्लिंग की तरह भी।

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