जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं, उनके सर्वनाम कहते हैं, जैसे कि – हम, तुम, मैं, आप, उसका, उसकी, वह, इत्यादि। सर्वनाम शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है, सर्व + नाम। इसका मतलब कि जो नाम सबके स्थान पर प्रयोग हो, उसको सर्वनाम कहा जाता है। जैसे कि अगर हम गाय बोलते हैं तो बस हमें गाय के बारे में पता चलता है, बाकि किसी और जानवर जैसे कि शेर, बिल्ली इत्यादि के बारे में नहीं। लेकिन अगर हम इसकी जगह “वह” शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो वो सब जानवर के बारे में बात होगी।
हम ये बात एक उदाहरण दे कर समझते हैं :
रीना ने कहा कि मैं जा रही हूँ।
यहाँ पर रीना एक संज्ञा है, तथा वह एक सर्वनाम है जोकि संज्ञा के स्थान पर प्रयोग हुआ है।
सर्वनाम के प्रकार – प्रयोग के हिसाब से सर्वनाम ६ प्रकार के होते हैं –
१ . पुरुषवाचक सर्वनाम
२ . निश्चयवाचक सर्वनाम
३ . अनिश्चयवाचक सर्वनाम
४ . सम्बन्धवाचक सर्वनाम
५ . प्रश्नवाचक सर्वनाम
६ . निजवाचक सर्वनाम
अब हम आपको इन सबके बारे में विस्तार से समझायेंगे।
१ . पुरुषवाचक सर्वनाम – पुरुषवाचक सर्वनाम वो होते हैं, जोकि स्त्री या पुरुष के नाम के स्थान पर प्रयोग होता है, जिसका प्रयोग करने से किसी बोलने वाले , सुनने वाले या किसी और व्यक्ति के होने का बोध होता है। जैसे कि मैं, तू, वह इत्यादि।
उदाहरण – मैंने उससे कहा कि वो जा रही है।
इस उदाहरण में तीन सर्वनाम का प्रयोग हो रहा है – मैंने, उससे तथा वो।
पुरुषवाचक सर्वनाम ३ प्रकार के होते हैं
१. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम – बोलने या लिखने वाला व्यक्ति जिन शब्दों का प्रयोग अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं, जैसे कि मैं, मुझे, मेरा इत्यादि।
उदाहरण
- यह काम मैंने किया है।
यहाँ पर बोलने वाला व्यक्ति अपने बारे में बात कर रहा है, तो यह उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम है।
२. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम – सुनने वाला व्यक्ति के लिए जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं, जैसे कि तू, तुझे, तेरा, आपका इत्यादि।
उदाहरण
- आप हमारे गुरु हैं।
यहाँ पर सुनने वाले व्यक्ति को गुरु बताया जा रहा है, तो यह मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम है।
३. अन्य पुरुष सर्वनाम – जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाले या सुनने वाले का न हो कर किसी अन्य के लिए हो, उन्हें अन्य पुरुष सर्वनाम कहते हैं जैसे कि यह, वह, उनका, उसका, इन्हे, उन्हें इत्यादि।
उदाहरण
- कल वो खेलने नहीं आया था।
यहाँ पर किसी अन्य व्यक्ति का ज़िक्र हो रहा है, तो यह अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम है।
२. निश्चयवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द किसी दूर या पास कि वस्तु की और इशारा करे, उन्हें निश्चयवाचक या फिर संकेतवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण
- ये खाना बासी है।
यहाँ पर खाने का ज़िक्र हो रहा है, तो यह निश्चयवाचक सर्वनाम है।
- यह तो कोई नहीं बात नहीं है।
यहाँ पर किसी बात का ज़िक्र हो रहा है, तो यह निश्चयवाचक सर्वनाम है।
निश्चयवाचक सर्वनाम २ तरह के होते हैं
१. दूरवर्ती – जो शब्द दूर की वस्तु की और इशारा करते हैं, उन्हें दूरवर्ती विश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण :
- वह मेरी किताब है।
- वो मेरी कार है, और वो खराब हो गई है।
२. निकटवर्ती – जो शब्द पास की वस्तु की और इशारा करते हैं, उन्हें निकटवर्ती विश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण
- ये कार मेरी है।
- यह मेरी पेन है, और ये मुझे बहुत पसंद है।
३. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों से किसी भी निश्चित वस्तु का बोध न हो, वो अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे कि कोई, किसी का इत्यादि।
उदाहरण
- कोई यहाँ आया था।
- ऐसा न हो, कि कोई आ जाए।
४. सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध दिखने के लिए प्रयुक्त होते हैं , उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण :
- जैसा कर्म , वैसा फल।
- वह कौन है , जो रो रहा हैं।
५. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों से किसी प्रश्न के पूछे जाने का बोध है, उनके प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे कि कौन, क्या इत्यादि।
उदाहरण
- दरवाज़े पर कौन खड़ा था ?
- तुम क्या खा रहे हो ?
६. निजवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दो से अपनेपन (खुद )का बोध होता है, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है ।
उदाहरण
- मैं अपने सब काम स्वयं करती हूँ ।
- मैं अपनी कार खुद चलाती हूँ।